October 26, 2013

आदर्श उक्तिया

आदर्श उक्तिया 

बड़े कामों में छोटे रहने से अच्छा है . छोटे कामों में बड़ा बनना |

कमज़ोर व्यक्ति से दुश्मनी ज्यादा खतरनाक होती है क्योँकि वह उस समय वार करता है जब हम कल्पना भी नहीँ |

मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही, गुमराह तो वो है जो घर से निकले ही नहीं |

कौन देता हे यहाँ उम्र भर का साथ  यहाँ  यहाँ  तो अर्थी में भी कन्धा बदलते है |

दो दिन की है जिन्दगी दो उसूलो के साथ जियों तो फूलों की तरह बिखरो तो खुशबु की तरह |

" दिमाग ठंडा हो दिल में रहम हो जुबान नरम हो ,
आँखों में शर्म हो तो फिर सब कुछ तुम्हारा है " |

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।

जीवन की सफलता का मून मंत्र बनाते हुआ कृष्ण बलराम से कहते हैं - "जीवन रूपी रथ के चार चक्र हैं - धर्म, नीती, पराक्रम, और आत्मविश्वास । इनमें से किसी एक से रहित व्यक्ति जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर सकता ।

जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है|
और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।

दिल से दूसरों की सेवा करो तो दुआओं का दरवाजा खुल जायेगा |

जीवन ताश के खेल के समान है, आप को जो पत्‍ते मिलते हैं वह नियति है, आप कैसे खेलते हैं वह आपकी स्‍वेच्‍छा है। - पं. जवाहर लाल नेहरू
 
पीड़ा से दृष्टि मिलती है, इसलिए आत्मपीड़न ही आत्मदर्शन का माध्यम है। - भगवान महावीर

कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता केवल उसको उपयुक्त काम में लगाने वाला ही कठिनाई से मिलता है। - शुक्रनीति
 
मानव का मानव होना ही उसकी जीत है, दानव होना हार है, और महामानव होना चमत्कार है। - डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

दूसरों की ग़लतियों से सीखें। आप इतने दिन नहीं जी सकते कि खुद इतनी ग़लतियाँ कर सकें |

अगर भगवान से माँग रहे हो तो हल्का बोझ मत माँगो, मज़बूत कंधे माँगो।

संसार में ऐसे अपराध कम ही हैं जिन्हें हम चाहें और क्षमा न कर सकें। - शरतचंद्र

साध्य कितने भी पवित्र क्यों न हों, साधन की पवित्रता के बिना उनकी उपलब्धि संभव नहीं। - कमलापति त्रिपाठी

आदर्श के दीपक को, पीछे रखने वाले, अपनी ही छाया के कारण, अपने पथ को, अंधकारमय बना लेते हैं। ~ रवीन्द्र नाथ टैगोर

ग़लत को ग़लत कहना हमें आसान नहीं लगता, सही इतना कमज़ोर होता है इतना अकेला कि, उसके ख़िलाफ़ ही जंग का ऐलान आसान लगता है।

सम्बोधन अच्छे होंगे तभी सम्बंध अच्छे बनेंगे। - हंसराज सुज्ञ

जीवन एक कहानी है, महत्‍व इस बात का नहीं, यह कहानी कितनी लम्‍बी है, महत्‍व इस बात का है, कि कहानी कितनी सार्थक है। - हंसराज सुज्ञ

No comments:

Post a Comment