स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
किसी
ने स्वामी जी से पूछा सब कुछ खो जाने से भी बुरा क्या है स्वामी जी ने
कहा -वो उम्मीद कोन जिसके भरोसे सब कुछ पाया जा सकता है ,
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.
उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो , तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो , तुम तत्व नहीं हो , ना ही शरीर हो , तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.
अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.
एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो.
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते |
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